Samantar Shreni Equation | समान्तर श्रेणी 10th class math (chapter 5)

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गणित में समान्तर श्रेणी (अंग्रेज़ी: Arithmetic progression) अथवा समान्तर अनुक्रम संख्याओं का एक ऐसा अनुक्रम है जिसके दो क्रमागत पदो का अन्तर नियत होता है। जैसे अनुक्रम 4, 7, 10, 13, 16 ... एक समान्तर श्रेणी है जिसका सार्व अंतर 3 है। £tn=?
अनुक्रम ➡ यदि किसी संख्या समूह को लिखने में एक निश्चित नियम का पालन किया गया हो, उसे अनुक्रम कहते हैं।
पदान्तर ➡ अनुक्रम मे दो क्रमागत पदो का अंतर पदांतर कहलाता है।
यदि किसी समान्तर श्रेणी का प्रथम पद  और सार्व अंतर d है तो श्रेणी का iवाँ पद () निम्न प्रकार लिखा जाता है

और व्यापक रूप में
ANTIM SE n VA PUD= l+(n-1)d
समान्तर श्रेणी के परिमित भाग को परिमित समान्तर श्रेणी कहते हैं और सामान्यतः केवल समान्तर श्रेणी कहा जाता है। परिमित समान्तर श्रेणी का योग को समान्तर श्रेणी कहते हैं।
समान्तर श्रेणी का व्यवहार इसके सार्व अन्तर d पर निर्भर करता है। यदि सार्व अन्तर:
  • धनात्मक है तो इसके पद धनात्मक अनन्त की ओर अग्रसर होंगे।
  • ऋणात्मक है तो इसके पद ऋणात्मक अनन्त की ओर अग्रसर होंगे।
  • An arithmetic progression (AP), also called an arithmetic sequence, is a sequence of numbers which differ from each other by a common difference. For example, the sequence 2,4,6,8,…2, 4, 6, 8, \dots is an arithmetic sequence with the common difference 22. .

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