short poems for her




DO YOU WANNA TO PURPOSE YOUR GIRLFRIEND . THEN JUST REMEMBER IT AND SAY TO YOUR GIRL FRIEND. THIS IS BEST WAY TO PURPOSE AND IMPRESS YOUR PARTNER ,if you want to read in English poems then click

                                                         
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तुम हो मेरी जिंदगी का एक ऐसा आईना ,

 जो टूट कर भी नहीं टूटता बिखर कर भी नही बिखरता।
यही बात तुझे सबसे अलग करती है। 

जी करता है कितनी करूँ तेरी तारीफ,

 चाह कर भी खत्म नहीं होता है ।
तुझे देख के जिनेवा का तमन्ना बढ़ जाती है, 

तेरी बाते मुझे अपनी लगने लगती है।
तुझे देखा तो आईना देखने लगता हूँ 

तु भी मुझे शायद अपना लगने लगता है।
तुम हो मेरी जिंदगी का एक ऐसा आईना, 

जो टूट कर भी नही टूटता बिखर कर भी नही बिखरता ।
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हृदय की अनकही बातें कभी जब लब पर आती हैं



स्वरों में कम्पन होती है. स्वयं पलकें झुक जातीं हैं।

कहीं भी दिल नहीं लगता मिलन की तीस सताती है
कभी जब तन्हाई मे. किसी की याद आती है।
प्रात: खुशियों से भर जाती शाम अभिसार में जाती है
दिन उदास रहता है.रात मे नींद न आती है।
निगाहें चंचल हो जाती हैं नज़र चौखट पर रहती है
ख़्वाब की दुनिया सजती है अधर स्मित सी रहती है।
कभी जो संगम नहीं होता गात अलसाई रहती है
निगाहें चार होते ही…. सतत विलसाई रहती हैं।


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आँखें जो खुली तो उन्हें अपने करीब पाया ना था
कभी थे रूह में शामिल आज उनका साया ना था
बेपनाह मोहब्बत की जिनसे उम्मीदें लिये बैठे थे
उनसे तन्हाइयों की सौगातें मिलेंगी बताया ना था
एक हम ही कसीदे हुस्न के हर बार पढ़ते रहे पर
उसने तो कभी हाल-ए-दिल सुनाया ना था
वो फिरते रहे दिल में ना जाने कितने राज लिये
हमने तो कभी उनसे जज्बातों को छुपाया ना था
जाने क्यों हम बेवजह मदहोश हुआ करते थे
जाम आँखों से तो कभी उसने पिलाया ना था
मीलों कब्ज़ा कर बना रखा था सपनों का महल पर
उसने वो ख़्वाब कभी आँखों में सजाया ना था
धड़कन ‘मौन’ हुई अब एक आह की आवाज़ है
शिकवा क्या उनसे जिसने कभी अपना बनाया ना था
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कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है



मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता !!
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तेरे लिबास से मोहब्बत की हैं,
तेरे एहसास से मोहब्बत की हैं,
तू मेरे पास नही फिर भी,
मैंने तेरी याद से मोहब्बत की हैं,


कभी तू ने भी मुझे याद किया होगा,
मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की हैं.
जिन में हो सिर्फ तेरी और मेरी बातें
मैंने उन अल्फ़ाज से मोहब्बत की हैं.
जो महकते हो तेरी मोहब्बत से,
मैंने उन जज्बात से मोहब्बत की हैं.
तुझ से मिलना तो अब एक ख्वाब लगता हैं,
इसलिए मैंने तेरे इन्तजार से मोहब्बत की हैं.
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यूँ जिन्दगी के ख्वाब दिखा गया कोई,
मुस्कुराके अपना बना गया कोई,


बहतीं हुई हवाओं को यूँ थाम ले गया कोई,

सावन में आके कोयल का गीत सुना गया कोई,
यूं अपने प्यार की हवा से गम को मिटा गया कोई,
मीठे सपनों में आपके अपना बना गया कोई,
धूल लगी किताब के पन्नें पलट गया कोई
उस में सूखे हुए गुलाब की याद दिला गया कोई
यूँ जिन्दगी में फिर से प्यार की बरसात दे गया कोई
बिन आहट की इस दिल में जगह बना गया कोई
यूँ फिर से मुझे जीने का मकसद सिखा गया कोई
बिना आहत अपना बना गया कोई
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 मुझे अपनी जान बना लो,
अपना अहसास बना लो,
मुझे अपनी अल्फ़ाज बना लो,
अपने दिल की आवाज बना लो,
बसा लो अपनी आँखों में
मुझे अपना ख्व़ाब बना लो,
मुझे झुपा लो सारी दुनिया से
अपना एक गहरा राज बना लो,
आज बन जाओ मेरी मोहब्बत
और मुझे अपन प्यार बना लो.


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मैं मोहब्बत हूँ मोहब्बत करके देख,
मैं मोहब्बत ना दूं तो कहना,
मैं मुस्कुराहट हूँ मुझे हँसा कर देख,
ना सजूँ तेरे होठों पर तो कहना,
मैं ख़ुशबू हूँ मुझे महसूस करके देख,
ना महकूँ तेरी जिन्दगी में तो कहना, 

मैं दिल हूँ मुझे सुन कर देख,
ना धड़कू तेरे दिल में तो कहना, 

मैं फूल हूँ मुझे लगा कर देख,
ना महकूँ दिन रात तो कहना,
मैं मोहब्बत हूँ मुझे अपना कर देख,
ना बनूँ मैं तेरी तो कहना…
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दिल की धड़कन सुन सुन सुन कर
जब वो सामने आती है
ना जाने क्यों , ना जाने क्यों

ये धड़कन थोड़ी सी रुक जाती है

उनको देख देख कर दिल ये,
दूर नहीं रह पाता था।
शादी के बाद , देख तांडव,
ईश्वर भी थर्राया था ।
उनको देखो तो उगता ,
सूरज भी देखो शर्मा जाएं।

 खाना का यदि नाम भी ले लो,


तो मायके की धौस जमाए।

बड़े प्यार से इन्हें मनाना ,

कहीं रूठ ये जाए ना।
एक बार यदि रूठ जाए तो,
हाय हाय चिल्लाए ना।
देख देख कर पहले जिनको,
जीते थे मेरे प्यारे भाई।
उनके लक्षण देख देख कर,
माथा पटके मेरे प्यारे भाई।
बैठ बेचारे द्वारे घर के ,
सोच रहे मजनू भाई।
बड़ी समस्या ले आए घर,
जिसका तोड़ है कुच्छ नहीं ।
बैठ बैठ कर दीवारों को,

दुखड़ा अपना सुना रहे।
हाथ में उनके कपड़े लेकर,
धूप में देखो सूखा रहे।
शाम हुई तो मैडम का ,
मिजाज थोड़ा सा बिगड़ गया।
क्योंकि चाय में भैया जी ने,

नमक को था मिला दिया।
देख मजनू की ऐसी हालत ,
थोड़ा रहम तो खाए रही।
रात को पैरदबावन की तो ,
ड्यूटी वई लगवाए रही ।
रात सुहानी हो जाए जब,
तब बड़े बड़े घबराते है।
सोवन को नर्दान पर,


हमरा बिस्तर लगवाते है।

रात का खून पिएं मच्छर ,
दिन का खून यी पीती हैं।
फिरहू यदि कहूं बचि जाओ तो,
घर का काम यि लेती है।
परी रहें खटिया मा दिनभर,
बड़ी मौज यि मरती हैं,
दिन भर करवा के काम यि तो,
हमका पेरे रहती हैं।
मम्मी पापा आ जाए उनके तो,
बड़ी कमेसुर बनती हैं
अच्छे अच्छे तीराजदाजन का,
नानी याद डिवाऊटी हैं।


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तुम आओ तो इस बार लौट कर मत जाना।
मन के बगीचे में हरियाली ,

तुम्ही से खिले फूलों को फिर से नहीं है मुरझाना।
तुम बिन हर एक क्षण है पतझड़, 

अकेले तुम बिन अब नहीं है एक पल बिताना।
तुम आओ तो इस बार लौट कर मत जाना।




 तुम बिन हाल एेसा जैसे पानी बिन मछली का
ठीक नहीं ऐसे अपनी प्रिये को तङ़पाना।
मेरे साँसों की नाजुक डोर बँधी तुमसे ,

अब कठिन है स्वयं को तुमसे दूर रख पाना।
तुम आओ तो इस बार लौट कर मत जाना
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