मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

urdu shayari in hindi


No matter how many English books we read, some things are best expressed in our desi mother tongue. Urdu literature is full of profound quotes and shayaris to go with every situation in our life. No one can possibly sum up life quite like it does. Here are some beautiful shayaris that sum up the essence of life.


**************************
कर दे नजरे करम मुझ पर,
मै तुझ पर ऐतबार कर दू.
दीवाना हूँ तेरा ऐसा
की दीवानगी की हद को पार कर दू.

******************

नसीब मेरा क्यू मुझसे खफा हो जाता है
अपना जिसको भी मनो बेवफा हो जाता है,
क्यू न हो शिकायत मेरी नज़रों को रात से,
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है....


***************

तेरी मोहबत की तलब थी
इसलिए हाथ फैला दिए
वरना हमने तो कभी अपनी
जिंदगी की दुआ नहीं मांगी थी



************
मुझे उदास देख कर उसने कहा,
 मेरे होते हुए तुम्हे कोई दुःख नहीं दे सकता,
 फिर कुछ ऐसा ही हुआ,
 बाद में जितने भी दुःख मिले सब उसी के हुए........

********************

जन्नत ऐ इश्क़ में हर बात अजीब होती है
किसी को आसिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है...

************

कहा कोई ऐसा मिला जिस पर दिल लुटा देते …
हर एक ने धोखा दिया किस-किस को भुला देते...

 हम अपना गम दिल में दबाये फिरते है,,,
 करते है बया तो महफ़िल को रुला देते है…

टूट जाते हैं बिखर जाते हैं,
 कांच के घर हैं मुक़द्दर अपने
 अजनबी तो सदा प्यार से मिलते हैं 
भूल जाते हैं तो अक्सर अपने…

******************

याद रखते है हम उन्हें आज भी पहले की तरह.
कौन कहता है की फसले, मोहबत मिटा देते है...

खोया हूँ तुम्हारे खयालों में ज़माने का कोई होश नहीं
न समझो तुम मुझे दिवाना इतना भी मैं मदहोश नहीं

*****************

वक्त आने पर वही लोग हमारा साथ छोड़ते है
जिसपर हम सबसे ज्यादा यकीन करते है



*****************



उदास न बैठो फ़िज़ा तंग करेगी, 
गुजरे हुए लम्हों की सज़ा तंग करेगी, 
किसी को न लाओ दिल के इतना करीब, 
 क्यू की उसके जाने के बाद उसकी हर अदा तंग करेगी..
एक दर्द छुपा रखा है, बरसो से दिल में
  दिल करता है आज कह दू भरी महफ़िल में
क्यों ऐसा लगता है की, मेरे रस्ते मुझसे जुदा हैं
आज भी क्यूँ मेरी मंज़िल मुझसे खफा है..
हर एक मंज़र पर उदासी छाई है, 
चाँद की रौशनी में भी कमी आई है,
अकेले अच्छे थे हम अपने आशियाने में, 
जाने क्यू टूट कर आज फिर आपकी याद आई है.


****************

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें